बागपत जिला न्यायालय ने रचा इतिहास, 5 दिन में सुना दी बलात्कारी को सज़ा

जनपद बागपत की जिला न्यायालय पोक्सो कोर्ट ने दुष्कर्म के एक मामले में कम समय मे सुनवाई कर सज़ा सुनाने के मामले में बागपत कोर्ट ने इतिहास रच दिया है । जिला न्यायालय पोक्सो कोर्ट ने तीन साल की मासूम बच्ची के साथ हुए दुष्कर्म के आरोपी को महज पांच दिनों की सुनवाई कर फैसला सुनाते हुए आरोपी को सजा सुनाई है। विशेष न्यायाधीश पोक्सो कोर्ट शैलेन्द्र कुमार पांडेय ने आरोपी को आजीवन कारावास की सजा सुनाते हुए एक लाख रुपये के आर्थिक दंड से भी दण्डित किया है। दरअसल आपको बता दे कि ये मामला छपरौली थाना क्षेत्र का है जहां क्षेत्र के बोढा गांव में 13 सितंबर को 3 साल की मासूम बच्ची को उसके परिवार का ही चचेरे भाई बहला फुसलाकर खेत मे ले गया। वहां उस युवक ने मासूम बच्ची के साथ दुष्कर्म की घिनोनी वारदात को अंजाम दिया। बच्ची को बदहवासी की हालत में आरोपी खेत मे ही छोड़कर फरार हो गया था। बच्ची की रोने की आवाज सुनकर परिजन मौके पर पहुंचे तो बच्ची की हालत को देखकर परिजनों के होश उड़ गए। सूचना मिलने पर मौके पर पहुंची पुलिस ने परिजनों की तहरीर पर छपरौली थाने में मुकद्दमा दर्ज कर लिया था। आरोपी की तलाश में जुटी पुलिस ने आरोपी युवक राहुल को 29 अक्टूबर को बडौत रेलवे स्टेशन से गिरफ्तार कर जेल भेज दिया था। आरोपी को आज विशेष न्यायाधीश पॉक्सो शैलेन्द्र कुमार पांडेय ने आजीवन कारावास की सज़ा और 1 लाख रुपये का जुर्माना भी लगाया है । पुलिस ने आरोपी का डीएनए टेस्ट के लिए दो नवंबर को ब्लड लिया और एफएसएल के लिए लखनऊ जांच को भेज दिया जिसके बाद वहां से रिपोर्ट आने के बाद पांच नवंबर को सीओ बड़ौत के यहां थाने से आरोप पत्र भेजा गया।उसके बाद पुलिस ने विवेचना कर 15 नवंबर को अदालत में आरोप पत्र दाखिल कर दिया था । डीजीसी सुनील पंवार और पुलिस अधीक्षक बागपत ने बताया कि यह वाद एडीजे प्रथम विशेष न्यायाधीश पोक्सो एक्ट शैलेंद्र पांडेय की अदालत में चला  25 नवंबर को अदालत ने आरोपी के खिलाफ केस के आरोप तय कर दिए। उसके बाद वाद की रोजाना सुनवाई शुरू हो गई अदालत में पीड़ित समेत नौ लोगों की गवाही हुई। पुलिस ने केस की पैरवी कीओर  पांच दिन में ही यानी 29 नवंबर को केस की सुनवाई पूरी हो गई थी। आज इस केस में अदालत ने आरोपी के खिलाफ फैसला सुना दिया है।