लुटेरा है अगर आज़ाद तो अपमान सबका है,
लुटी है एक बेटी, तो लुटा सम्मान सबका है,,
बनो इंसान पहले छोड़ कर तुम बात मज़हब की,
लड़ो मिलकर दरिंदो से ये हिन्दोस्तान सबका हैं,,
लुटेरा है अगर आज़ाद तो अपमान सबका है,
लुटी है एक बेटी, तो लुटा सम्मान सबका है,,
बनो इंसान पहले छोड़ कर तुम बात मज़हब की,
लड़ो मिलकर दरिंदो से ये हिन्दोस्तान सबका हैं,,